political science class 12 notes in hindi ch-3 | MCQ and very important question

political science class 12 notes
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ChapterCh 3
Ch Namepolitical science class 12 notes in hindi ch-3 | MCQ and very important question
Class12th
facultyArts
languageHindi
Providevery important question & Mcq
Homei love Dhanbad
( political science class 12 notes )

VERY SHORT ANSWER TYPE QUESTIONS | political science class 12 notes

Q. 1. वर्चस्व का क्या अर्थ है ? 

Ans .( political science class 12 notes) वर्चस्व ( Hegemoney ) ताकत से जुड़ा हुआ है । विश्व राजनीति में भी विभिन्न देश या देशों की समूह शक्ति पाने और कायम रखने की लगातार कोशिश करते हैं । यह ताकत सैनिक प्रभुत्व आर्थिक शक्ति , राजनीतिक रुतबे और सांस्कृतिक वृद्धि के रूप में होती है । इन सभी क्षेत्रों में प्रभुत्व स्थापित करना ही वर्चस्व है । 

Q. 2. अमरीका का वर्चस्व कब स्थापित हुआ ?

Ans . class 12 political science notes in hindi

( 1 ) सामान्य रूप से अमरीका का वर्चस्व 1991 से माना जाता है जब महाशक्ति के के रूप में सोवियत संघ का पतन हो गया और वह अंतर्राष्ट्रीयता से गायब हो गया । अमरीका अब भी बढ़ी हुई ताकत के साथ कायम था । 

( 2 ) कुछ लोगों के विचार से अमरीकी वर्चस्व कुछ का इतिहास 1991 तक सीमित नहीं है बल्कि यह पीछे 1945 से आरंभ होता है । वस्तुत पहलुओं अगस्त बाद में यह स्पष्ट हुआ कि विश्व वर्चस्व के दौर से गुजर रहा है । 

Q. 3. जार्ज बुश ने नई विश्व व्यवस्था किसको कहा ?

Ans . political science class 12 notes 

( 1 )  1990 में इराक ने कुवैत का कब्जा करने के लिए उस पर आक्रमण क कई देशों ने इराक से छोड़ने की अपील की । 

( 2 ) इराक द्वारा अपील न मानने पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने कुवैत को मुक्त कराने के लि बल – प्रयोग की अनुमति दे दी । संयुक्त राष्ट्र संघ यह एक नाटकीय फैसला था , क्योंकि शीत युद्ध के विभिन्न विवादों के प्रति चुप्पी साध लेता था । अमरीकी राष्ट्रपति जार्ज बुश ने इसे नई विश्व व्यवस्था नाम दिया । 

Q.4 ऑपरेशन डजर्ट स्टार्म क्या है ? 

Ans . political science class 12 notes

( 1 ) इराक द्वारा कुवैत पर कब्जा न छोड़ने के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ के नेतृत्व 34 देशों की मिली – जुली और 660000 सैनिकों की विशाल सेना ने इराक के विरुद्ध मोर्चा खोल और उसे परास्त कर दिया । 

( 2 ) इस युद्ध को प्रथम खाड़ी युद्ध कहा जाता है । संयुक्त राष्ट्र संघ के इस सैन्य अभियान को ऑपरेशन डेजर्ट स्टार्म कहा जाता है । वस्तुतः अमरीकी सैन्य अभियान का ही हिस्सा था 

Q.5 . कंप्यूटर युद्ध या ‘ वीडियो गेम वार ‘ किस युद्ध को कहा जाता है और क्यों

Ans . class 12 political science notes in hindi

( 1 ) प्रथम खाड़ी युद्ध ( 1990 ) को कंप्यूटर युद्ध कहा गया क्योंकि इसमें ‘ स्मार्ट ब का प्रयोग किया गया । 

( 2 ) इस युद्ध को दूरदर्शन पर विस्तार से दिखाया गया । विश्व के विभिन् स्थानों पर बैठे दर्शक युद्ध को ध्यान से देख रहे थे कि इराकी सेना किस प्रकार पराजित हो रह है । इसी कारण इसे ‘ वीडियो गेम वार ‘ भी कहा गया ।

Q. 6. प्रथम खाड़ी युद्ध से अमरीका को क्या आर्थिक लाभ हुआ ? 

Ans . class 12 political science notes in hindi

( 1 ) प्रथम खाड़ी युद्ध कहने को संयुक्त राष्ट्र संघ की विजय हुई परंतु वास्तविक अमरीका को मिला । कुवैत फिर उसके प्रभाव में आ गया जहाँ से अमरीका तेल प्राप्त करता था । 

( 2 ) अमरीका ने इस युद्ध के नाम पर जमकर मुनाफा कमाया । कई रिपोर्टों के अनुसार उसने जितना धन इस युद्ध में खर्च किया उससे कहीं ज्यादा रकम उसे जर्मनी , जापान और सऊदी अरब से प्राप्त हुई । 

Q.7 . ‘ ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच ‘ का आदेश क्यों हुआ ? 

Ans . class 12 political science notes in hindi

( 1 ) अमरीकी राष्ट्रपति क्लिंटन के दौर में एक बड़ी सैन्य कार्रवाई नैरोबी ( केन्या ) और दारे सलाम ( तंजानिया ) के अमरीकी दूतावासों पर बमबारी हुई ।

( 2 ) आतंकवादी संगठन ‘ अल – कायदा ‘ को इस बमबारी का जिम्मेदार ठहराया गया । इस बमबारी के जवाब में ‘ ऑपरेशन इनफाइट रीच का आदेश हुआ । 

Q.8 . ‘ नाइन एलेवन ‘ 9/11 से क्या समझते हैं

Ans . class 12 political science notes in hindi

( 1 ) विभिन्न अरब देशों के 19 अपहरणकर्ताओं ने 4 अमरीकी व्यावसायिक विमानों पर कब्जा करके इनके द्वारा 11 सितंबर , 2001 को विभिन्न महत्त्वपूर्ण इमारतों को ध्वस्त कर दिया । 

( 2 ) इस हमले को नाइन एलेवन 9/11 कहा जाता है । वस्तुतः अमरीका में माह ( सितंबर ) की तारीख ( 9 ) पहले लिखने का चलन है । इसी का संक्षिप्त रूप 9/11 है जबकि भारत में इसे 11/9 लिखा जाएगा । 

Q.9 . ऑपरेशन एन्डयूरिंग फ्रीडम की घटना का उल्लेख कीजिए । 

Ans . class 12 political science notes in hindi

( 1 ) 9/11 के जवाब में अमरीका ने आतंकवाद के विरुद्ध विश्वव्यापी युद्ध के रूप में ऑपरेशन एन्ड्यूरिंग फ्रीडम चलाया । 

( 2 ) यह अभियान उन सभी के विरुद्ध चलाया गया जिन पर 9/11 का शक था । मुख्य निशाना अल – कायदा और अफगानिस्तान के तालिबान शासन को बनाया गया । 

Q.10 . ‘ काअलिशन ऑफ वीलिंग्स ‘ ( आकांक्षियों का महाजोत ) क्या है ? 

Ans . class 12 political science notes in hindi

( 1 ) ऑपरेशन इराकी फ्रीडम में अमेरीका के नेतृत्व में 40 से अधिक देश शामिल हुए । विभिन्न देशों के इस महाजोत कॉअलिशन ऑफ वीलिंग्स कहा गया । 

( 2 ) इनके द्वारा इराक पर जबर्दस्ती हमला किया गया । 

Q. 11. ऑपरेशन इराकी फ्रीडम के मुख्य परिणाम क्या थे ? 

Ans . class 12 political science notes in hindi

( 1 ) इस युद्ध में इराक पराजित हुआ और सद्दाम हुसैन की सत्ता समाप्त हो गई । लेकिन इराक में शांति नहीं स्थापित हुई । 

( 2 ) अमेरिका के 3000 सैनिक इस युद्ध में मारे गये जबकि इराक के सैनिक कहीं अधिक मारे गये । एक अनुमान के अनुसार अमरीकी हमले के बाद लगभग 50 हजार नागरिक इस युद्ध में खेत रहे । 

Q. 12. एकध्रुवीय व्यवस्था का क्या अर्थ है ? 

Ans . class 12 political science notes in hindi

( 1 ) जब अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में किसी एक महाशक्ति या कहें कि उद्धत महाशक्ति के दबदबे में हो तो प्रायः उसे ‘ एकध्रुवीय व्यवस्था ‘ कहा जाता है । 

( 2 ) यह भौतिकी ( Physics ) के शब्द ‘ ध्रुव ‘ का यह एक प्रकार से भ्रामक प्रयोग है । इस व्यवस्था की उत्पति सोवियत संघ के पतन के बाद हुई । 

Q. 13. आज अमरीका की सैन्य शक्ति अनूठी मानी जाती है , क्यों ? 

Ans . class 12 political science notes in hindi

( 1 ) अमरीका आज अपनी सैन्य शक्ति के कारण ताकतवर माना जाता है । यह सैन्य शक्ति अनूठी है । 

( 2 ) वस्तुतः अमेरिका अपनी सैन्य क्षमता के बूते संपूर्ण विश्व में कहीं भी निशाना साध सकता है । उसके पास सही समय में अचूक और घातक हमला करने की क्षमता है । उसकी सेना विश्व के शेष देशों की तुलना में बेजोड़ है ।

लघु उत्तरीय प्रश्न ( SHORT ANSWER

TYPE QUESTIONS ) political science class 12 notes

Q.1 प्रथम खाड़ी युद्ध का वर्णन कीजिए । 

Ans . प्रथम खाड़ी युद्ध :- (class 12 political science notes in hindi) 

( 1 ) यह युद्ध अमेरिका सहित 34 देशों की सेना और इराक के मध्य हुआ । इस युद्ध का कारण इराक द्वारा कुवैत पर कब्जा करना था । अनेक राजनयिकों के अपील करने पर भी इराक ने कुवैत पर कब्जा नहीं छोड़ा । फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संघ ने कुवैत को मुक्त कराने के लिए आक्रमण अनुमति प्रदान कर दी । 

( 2 ) 34 देशों की मिली – जुली 660000 सैनिकों की एक विशाल फौज ने इराक पर आक्रमण कर दिया और उसे हरा दिया । 

( 3 ) वैसे तो यह कहने को संयुक्त राष्ट्र संघ का अभियान था परंतु वास्तव में यह अमरीका अभियान था । इसका संचालन अमरीकी जनरल नार्मन श्वार्जफॉव ने किया । इसमें अमरीका के 75 % सैनिक थे । 

( 4 ) इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन ने बड़े साहस से इस युद्ध का सामना किया परंतु अंततः इराक पराजित हुआ और कुवैत छोड़ने पर विवश होना पड़ा । 

( 5 ) इस युद्ध में अमरीका ने आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया । उसने स्मार्ट बमों का इस्तेमाल किया । इससे अमरीका की सैनिक क्षमता की धाक जम गई । 

Q. 2. अमरीका में बिल क्लिंटन के राष्ट्रपति बनने पर वहाँ की राजनीति में क्या परिवर्तन हुए ? 

Ans . बिल क्लिंटन और अमरीकी नीति-  (class 12 political science notes in hindi) 

( 1 ) जार्ज बुश के पश्चात् 1992 में विलियम जेफर्सन क्लिंटन राष्ट्रपति बने । उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में विदेश नीति की जगह घरेलू नीति में सुधार का वादा किया था । 

( 2 ) क्लिंटन 1996 में दोबारा चुनाव जीतकर निरंतर 8 वर्षों तक राष्ट्रपति के पद पर काम करते रहे । इस संपूर्ण काल में अमरीका घरेलू मामलों तक सीमित रहा और विश्व के मामलों में विशेष हस्तक्षेप नहीं किया । 

( 3 ) विदेश नीति के मामले में क्लिंटन सरकार ने सैन्य शक्ति और सुरक्षा जैसी कठोर राजनीति की जगह लोकतंत्र को बढ़ाने , जलवायु परिवर्तन तथा विश्व व्यापार जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया । 

( 4 ) क्लिंटन के काल में भी कुछ फौजी ताकत का हस्तेमाल किया गया उदाहरणार्थ अल्वानियाइयों के विरुद्ध आक्रमण , नैरोबी ( केन्या ) और दारे सलाम ( तंजानिया ) के विरुद्ध कार्रवाई आदि ।

Q3. ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच का उल्लेख कीजिए । 

Ans . ऑपरेशन इनफोइनाइट रीच-  (class 12 political science notes in hindi) 

( 1 ) अमरीकी राष्ट्रपति क्लिंटन के काल में एक बड़ी सैन्य कार्रवाई नैरोबी ( केन्या ) और दारे सलाम ( तंजानिया ) के अमरीकी दूतावास पर बमबारी हुई । 

( 2 ) आतंकवादी संगठन अल – कायदा को इस बमबारी के लिए दोषी ठहराया गया । इस बमबारी के जवाब में ऑपरेशन इनफाइनाइट रीच का आदेश हुआ । 

( 3 ) इस अभियान के अंतर्गत अमरीका ने सूडान और अफगानिस्तान के अल कायदा के ठिकानों पर कई बार क्रूज मिसाइल से हमले किये । 

( 4 ) अपनी इस कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ या अंतर्राष्ट्रीय कानून की परवाह नहीं की । 

( 5 ) अमरीका की इस कार्रवाई की विश्व में खूब आलोचना हुई । कहा गया कि अमरीका ने इस अभियान में कुछ नागरिक ठिकानों पर निशाना साधा जबकि इसका आतंकवाद से कोई लेना – देना नहीं था । 

Q.4 . नाइन एलेवन घटना का उल्लेख कीजिए । 

Ans . 9/11 की घटना— political science class 12 note) 

( 1 ) विभिन्न अरब देशों के 19 अपहरणकर्ताओं ने चार अमरीकी व्यावसायिक विमानों पर कब्जा करके इनके द्वारा 11 सितंबर , 2001 की विभिन्न महत्त्वपूर्ण इमारतों को ध्वस्त कर दिया । 

( 2 ) दो विमान न्यूयार्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी दक्षिण टावर से टकरायें । तीसरा विमान वर्जिनिया के अलिंगटन स्थित पेंटागन से टकराया जहाँ अमरीकी रक्षा विभाग का मुख्यालय है । 

( 3 ) चौथे विमान को अमरीकी काँगेंस की मुख्य इमारत से टकराना था लेकिन यह पेंसिलवेनिया के एक खेत में गिर गया । 

( 4 ) इस घटना को नाइन एलेवन ( 9/11 ) कहा जाता है । इस हमले में लगभग 3 हजार अमरीकीयों की जानें गयीं इस घटना की तुलना 1814 और 1941 की घटनाओं से की । 

( 5 ) अमरीकी जमीन पर यह सबसे गंभीर हमला माना जाता है । 

Q.5 . ‘ ऑपरेशन एंडयूरिंग फ्रीडम ‘ के परिणाम क्या थे ? 

Ans . ‘ ऑपरेशन एंडयूरिंग फ्रीडम ‘ के परिणाम:- (class 12 political science notes in hindi) 

( 1 ) यह ऑपरेशन आतंवादी संगठनों के खिलाफ किया गया । इस आक्रमण से तालिबान की जमीन उखड़ गई । 

( 2 ) इस आक्रमण के बावजूद तालिबान और अल – कायदा के अवशेष अब भी सक्रिय हैं । • 9/11 की घटना के पश्चात् से अब तक इनकी ओर से पश्चिमी देशों में कई आक्रमण किये गये हैं । इससे इनकी सक्रियता स्पष्ट हो जाती है । 

( 3 ) अमरीकी सेना ने बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियाँ कीं और उस विषय में वहाँ के देश की सरकार को जानकारी नहीं दी । 

( 4 ) गिरफ्तार लोगों को अलग – अलग देशों में भेजा गया और उन्हें खुफिया जेलखानों में बंदी न्यूयार्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी दक्षिण टावर से टकरायें । तीसरा विमान अलिंगटन स्थित पेंटागन से टकराया जहाँ अमरीकी रक्षा विभाग का मुख्यालय है । चौथे विमान को अमरीकी कॉगैस की मुख्य इमारत से टकराना था लेकिन यह बनाकर रखा गया । 

( 5 ) इन कैदियों को किसी प्रकार की अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं प्राप्त है । 

Q6. इराक पर अमरीकी आक्रमण ( 2003 ) का वर्णन कीजिए । 

Ans . इराक पर अमरीकी आक्रमण ( 2003 )  (class 12 political science notes in hindi) 

( 1 ) अमरीका ने 19 मार्च , 2003 को ऑपरेशन इराकी फ्रीडम कूटनाम से अभियान शुरू किया । 

( 2 ) संयुक्त राष्ट्रसंघ की अनुमति के बिना 40 से अधिक देशों के सहयोग से आक्रमण किया । 

( 3 ) इसका कारण दिखावे के लिए सामूहिक संहार के हथियार ( Weapons of Mass Destruction ) 

( 4 ) यह आक्रमण अन्यायपूर्ण था । वस्तुतः अमरीका इराक के तेल भंडार पर नियंत्रण करना चाहता था और अपनी मनपसंद सरकार स्थापित करना चाहता था । 

( 5 ) यद्यपि इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की सरकार समाप्त हो गयी परंतु वहाँ अमरीकी विरोधी आग बुझी नहीं है और अमरीका के खिलाफ विद्रोह हो रहे हैं ।

Q 7. अमरीकी सैन्य शक्ति अनूठी है , समीक्षा कीजिए । 

Ans . अमरीकी सैन्य शक्ति का अनूठापन-  (class 12 political science notes in hindi) 

( 1 ) अमरीकी सैन्य शक्ति अनूठी है । वह अपनी सैनिक शक्ति के बल पर किसी पर भी आक्रमण कर सकता है । 

( 2 ) वह अपनी सेना को युद्धभूमि से सुदूर रख कर अपने शत्रु को उसके ही घर में परास्त कर सकता है । 

( 3 ) वस्तुतः वह अपनी सैनिक क्षमता के लिए पर्याप्त धन खर्च करता है । अमरीका के नीचे के कुल 12 ताकतवर देश एक साथ मिलकर अपनी सैनिक क्षमता के लिए जितना धन खर्च करते है उससे कहीं अधिक अपनी सैनिक क्षमता के लिए अमरीका अकेले खर्च करता है । 

( 4 ) इसके अतिरिक्त पेंटागन अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा रक्षा अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में व्यय करता है । 

( 5 ) उसकी सैनिक प्रौद्योगिकी भी उच्च कोटि की है । 

Q. 10. इराक युद्ध से अमरीकी सेना की कौन – कौन सी कमजोरियाँ प्रकट हुई हैं ? 

Ans . अमरीकी सेना की कमजोरियाँ –

( 1 ) अमरीका अपने गठबंधन से इराक की जनता को नतमस्तक कराने में असफल हुआ है । वहाँ अब भी अशांति है और विद्रोह हो रहे हैं । 

( 2 ) सैनिक बल के इस्तेमाल के चार लक्ष्य – जीतने , अपराध करने , दण्ड देने और कानून व्यवस्था बहाल करना है । 

( 3 ) अमरीका ने प्रथम तीन लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है परंतु कानून व्यवस्था स्थापित करने में असफल रहा है ।  

Q11. पाकिस्तान की ओर अमेरिका के झुकाव की समीक्षा करें । 

Ans . अमेरिका का पाकिस्तान की ओर झुकाव ( US tilt towards Pakistan ) आरंभ में अमेरिका का भारत की अपेक्षा पाकिस्तान की ओर झुकाव था । इसके कई कारण थे । भारत अपनी विदेश नीति का निर्माण स्वतंत्रतापूर्वक करने का इच्छुक था और अमेरिकन गुट का पिछलग्गू बनकर चलने को तैयार नहीं था । 

(class 12 political science notes in hindi) 

 जबकि पाकिस्तान ने वित्तीय तथा सैनिक सहायता की खातिर आरंभ में ही अमेरिका के आगे हाथ फैला दिए और हर प्रकार से उसका प्रभुत्व समाप्त करने के लिए किसी पिछलग्गू की तलाश में था जो उसे पाकिस्तान के रूप में मिल गया जबकि भारत के सोवियत संघ तथा चीन से भी अच्छे संबंध थे। 

LONG ANSWER TYPE QUEST – political science class 12 notes

Q. 1 सोवियत संघ के विघटन के बाद नई विश्व व्यवस्था अस्तित्व में आई । स्पष्ट करें । 

Or , सोवियत संघ के विघटन के परिणामस्वरूप एक ध्रुवीय संसार का आरंभ हुआ । स्पष्ट करें । 

Ans . ( political science class 12 notes )

सोवियत संघ के विघटन के कारण एक नई विश्वव्यवस्था अर्थात् एक ध्रुवीयता का आरंभ ( Beginning a New World Order called Uni – Polar World after Col lapse of Soviet Union ) – दिसम्बर 1991 में सोवियत संघ का विघटन हुआ । इससे केवल शीतयुद्ध की समाप्ति नहीं हुई बल्कि इसके कई और भी प्रभाव पड़े । 

विभिन्न परिणामों में एक महत्त्वपूर्ण परिणाम यह था कि इसने विश्व की राजनीति की प्रकृति को भी बदल दिया और उसमें एक – ध्रुवीयता ( Uni – Polarity ) को जन्म दिया । अर्थात अब विश्व की राजनीति एक ही ध्रुव के चारों ओर घूमने लगी । 

संयुक्त राज्य अमेरिका ही विश्व की राजनीति के मैदान में एकमात्र खिलाड़ी रह गया । जिसे कोई दूसरा खिलाड़ी अथवा देश चुनौती देने की स्थिति में नहीं था । 

( political science class 12 notes ) इस तरह विश्व की राजनीति , अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान , अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का आधार बिंदु संयुक्त राज्य अमेरिका ही रह गया और सभी देश उससे अच्छे संबंध बनाने को आतुर होने लगे । 

अमेरिका द्वारा लिए गए निर्णय अंतर्राष्ट्रीय निर्णय माने जाने लगे और संयुक्त राष्ट्र संघ भी उसी इच्छा के विरुद्ध कोई निर्णय लेने में असमर्थ सा दिखाई देने लगा । प्रायः प्रत्येक देश सोचने लगा कि अमेरिका से अच्छे संबंध बनाए रखने में ही उसका कल्याण तथा विकास संभव है । कई मामलों में संयुक्त राष्ट्र के पास अमेरिका के निर्णय की पुष्टि करने के अतिरिक्त कोई चारा दिखाई नहीं देता था । 

( political science class 12 notes ) सुरक्षा परिषद के निर्णय भी प्रायः उसकी इच्छानुसार होने लगे । आरंभ में तो विश्व नेताओं को महसूस नहीं हुआ परंतु कुछ वर्षों के बाद अनेक ऐसी घटनाओं में अमेरिका द्वारा निभाई गई भूमिका के आधार पर यह स्पष्ट हो गया कि विश्व की राजनीति में अमेरिका का वर्चस्व ( Dominance ) है । 

निम्नलिखित अंतर्राष्ट्रीय घटनाएँ एक ध्रुवीयता ( Uni – Polarity ) तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के वर्चस्व को स्पष्ट करती है :- 

( 1 ) शीतयुद्ध की समाप्ति के संकेत मिखाइल गोर्वाच्योव द्वारा 1985 में सोवियत संघ की बागडोर संभालने के बाद से ही उसी अपनाई हुई नीति से मिलने लगे थे । उसने सैनिक शक्ति को कम करना , हथियारों की दौड़ को समाप्त करना तथा अमेरिका से वार्ता द्वारा विवादों को सुलझाने आदि के प्रयास आरंभ कर दिए थे । इससे अमेरिका को एकमात्र महाशक्ति के रूप में भूमिका निभाने के लिए तैयार रहने के संकेत दे दिए थे । 

( 2 ) अगस्त 1990 में इराक ने बिना किसी कारण तथा किसी उत्तेजक घटना के कुवैत पर आक्रमण कर दिया और बड़ी तेजी से उसके बड़े भाग पर कब्जा कर लिया । संसार के नेताओं द्वारा समझाने – बुझाने के बाद भी उसने अपनी गलती नहीं मानी और बल प्रयोग करके इराक को कुवैत से बाहर निकाले जाने की अनुमति दे दी । 

परिणामस्वरूप 34 देशों की मिली – जुली सेना ने जिसमें 6,60,000 सैनिक सम्मिलित थे , संयुक्त राष्ट्र के झंडे तले इराक पर आक्रमण किया । इराक इस आक्रमण का मुकाबला नहीं कर सका और उसे कुवैत से निकाल दिया गया । 

(3) class 12 political science notes in hindi

संयुक्त राष्ट्र ने इस आक्रमण को ऑपरेशन डेजर्ट स्टोर्म ( Operation Desert Storm ) का नाम दिया था इसे प्रथम खाड़ी युद्ध ( First Gulf War ) भी कहा जाता है । 

कहने को संयुक्त राष्ट्र की इस सेना में 34 देशों के सैनिक सम्मिलित थे , परंतु वास्तव में यह एक प्रकार से अमेरिकी सैन्य अभियान था । 75 % सैनिक अमेरिका के थे और सामग्री भी अमेरिकन थी । 

(4) अन्य देशों का योगदान एक प्रकार से नाममात्र था । अन्य देशों में सैनिकों तथा सैन्य शक्ति की बजाय धन से भी सहायता की जो सीधे संयुक्त राज्य अमेरिका को दी गई क्योंकि उसकी कमाण्ड के अधीन ही आपरेशन डजर्ट स्टोर्म संचालित किया गया था । 

(5) कुछ लोगों का मानना है कि अमेरिका ने इस आपरेशन से हानि की अपेक्षा लाभ कमाया क्योंकि उसे खर्चे से अधिक धनराशि सहायता के रूप में प्राप्त हुई थी और यह आपरेशन इतने अधिक समय तक नहीं चला जितना कि अनुमान लगाया गया था । 

(6) इराक ने भी युद्ध से पहले अपनी शक्ति का बढ़ चढ़ कर बखान किया था और कहा था कि उस पर किया गया हमला “ सौ जंगों की जंग ” साबित होगा । इतना ही नहीं अमेरिका ने इस युद्ध को अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने और अन्य देशों पर उसका सिक्का जमाने का भी साधन बनाया । 

(7) आपरेशन का दूरदर्शन पर अत्यधिक प्रदर्शन किया गया । इसने समस्त विश्व के लोगों पर यह सिक्का जमाया कि अमेरिका सैन्य शक्ति के संबंध में ही नहीं बल्कि प्रौद्योगिकी के धरातल पर भी अन्य देशों से बहुत आगे निकल गया है । 

अमेरिका ने विश्व के लोगों को अपने ड्राइंग रूम में बैठे हुए , दूरदर्शन पर प्रथम खाड़ी युद्ध दिखाया और अपनी शक्ति तथा वर्चस्व का सिक्का जमाया । 

( 8 ) 1992 और 1996 चुनावों में बिल क्लिंटन ( William Jafferson Bill Clinton ) अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए जो डेमोक्रेटिक दल से थे । उन्होंने अपने 8 वर्ष के काल में अंतर्राष्ट्रीय मामलों में इतनी दिलचस्पी नहीं दिखाई जितनी कि घरेलू मामले में अपने चुनाव प्रचार में भी उन्होंने राष्ट्रपति बुश की आक्रामक विदेश नीति की आलोचना की थी। 

0.2 वर्चस्व से क्या अभिप्राय है ? वर्चस्व के विभिन्न पक्षों की व्याख्या करें ? 

Ans .  (class 12 political science notes in hindi) 

वर्चस्व का अर्थ ( Meaning of Dominance or Hegemony ) — राजनीति शक्ति के लिए संघर्ष है चाहे यह राजनीतिक क्षेत्र में हो , गैर राजनीतिक क्षेत्र में हो , राष्ट्रीय स्तर पर हो या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो । व्यक्ति समाज शक्ति प्राप्त करना चाहता है ताकि समाज के सभी अन्य सदस्य उसके प्रभाव में रहें , उसे सम्मान दें , उसके आदेशों का पालन करें । 

उसके यति का  विचारों को अपनाए और यदि संक्षेप में कहा जाए तो उसकी हाँ मिलाए । शक्ति के साथ प्रभुत्व आता है और दूसरों को पुरस्कार देने , दण्डित करने तथा अपने पीछे चलने के लिए बाध्य करने की क्षमता आती है । उदाहरणस्वरूप किसी भी राजनीतिक दल में नेतृत्व के लिए संघर्ष होता है , राजनैतिक दलों में सरकार पर अपना नियत्रंण स्थापित करने अथवा शासन की सत्ता प्राप्त करने लिए संघर्ष होता है । 

सत्तारूढ़ दल अपनी सत्ता बनाये रखने के लिए संघर्ष करता है और विपक्षी दल उसे अपदस्थ कर सत्ता प्राप्त करने का प्रयास करता है । इसी प्रकार अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र अथवा विश्व राजनीति में भी विभिन्न देशों में प्रभुत्व तथा नेतृत्व प्राप्त करने के लिए संघर्ष चलता रहता है । शीतयुद्ध दो महाशक्तियों में विश्व के नेतृत्व के लिए संघर्ष था । 

(class 12 political science notes in hindi) 

जब किसी व्यक्ति या किसी दल या किसी देश का नेतृत्व की प्राप्ति के लिए संघर्ष में मुकाबला करने वाला कोई नहीं होता और अन्य लोग या देश समझने लगते हैं कि उसकी शक्ति तथा प्रभुत्व को चुनौती देना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं तो उस व्यक्ति या दल या देश को वर्चस्व प्राप्त हो जाता है । 

जब कोई दल या देश शक्ति के शिखर पर पहुँच जाये और उसका कोई प्रतिद्वन्द्वी न हो तो उसे वर्चस्व प्राप्त होता है । 

इसका एक उदाहरण है स्वतंत्रता के बाद भारत में काँग्रेस प्रभुत्व प्राप्त दल ( Dominant Party ) थी और यह माना जाता था कि काँगेंस का कोई विकल्प नहीं और यदि किसी गधे को भी काँग्रेस टिकट पर खड़ा कर दिया जाय तो उसकी जीत निश्चित है । 1950 से 1967 तक भारत में राष्ट्रीय स्तर पर और राज्य स्तर पर भी काँग्रेस के वर्चस्व का युग कहा जाता है । 

 (class 12 political science notes in hindi) 

अतः वर्चस्व का अर्थ है किसी व्यक्ति , किसी राजनीतिक दल या किसी देश की ऐसी शक्तिशाली स्थिति जिसके कारण उसका कोई प्रतिद्वन्द्वी नहीं होता और सारी गतिविधियाँ इर्द – गिर्द चक्कर लगाती हैं । सभी व्यक्ति तथा अन्य देश उसे शक्तिशाली स्थिति वाले नेता या देश की कृपा प्राप्त करने की कोशिश करते हैं । 

उसकी हाँ में हाँ मिलाते हैं और कोई उसका विरोध कर , उसकी आलोचना कर , उसके विचारों और निर्णयों को गलत बताकर , उसकी , नाराजगी तथा अप्रसन्नता मोल नहीं लेना चाहता क्योंकि इसकी उसे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है । 

वर्चस्व के लिए हेगेमनी ( Hagemony ) शब्द का प्रयोग प्राचीन यूनान में किया जाता था जो सैन्य शक्ति के कारण किसी नगर राज्य की प्रबलता की ओर इशारा करता था । उस समय के यूनान के नगर – राज्यों में एथेन्स ( Athens ) को हेगेमनी अथवा वर्चस्व प्राप्त था । 

अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में शक्ति का एक ही केंद्र हो तो कहा जाता है कि उस केंद्र को वर्चस्व प्राप्त है । आज अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में शक्ति का एक ही केंद्र है जो अपनी इच्छा को सर्वोपरि मानता है ।

 (class 12 political science notes in hindi) 

 अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं तथा संयुक्त राष्ट्र के आदेशों की भी परवाह नहीं करता , बल्कि उन्हें अपने विचारानुसार चलाने का प्रयास करता है और हर मामले में अपने निर्णय को ही परम सत्य मानकर चलता है और चाहता है कि अन्य सभी देश उसे स्वीकार करें । 

सोवियत संघ के विघटन के बाद यह स्थिति संयुक्त राज्य अमेरिका को प्राप्त हुई । वेशक 21 वीं शताब्दी के आरंभ में ही उसकी इस स्थिति को चुनौती भी मिली । 

वर्चस्व के विभिन्न पक्ष ( Various Aspects of Dominance or Hagemony ) – अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में किसी देश को वर्चस्व सैन्य शक्ति के आधार पर ही प्राप्त नहीं होता , बेशक यह आधार या पक्ष एक प्रमुख आधार है । 

सैन्य शक्ति के साथ – साथ चर्चस्व प्राप्ति के तीन और पक्ष हैं जैसे कि आर्थिक शक्ति अथवा विश्व की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने की क्षमता , सूचना और प्रौद्योगिकी में उन्नति तथा सांस्कृतिक प्रभाव । 

03.अमेरिका के प्रभुत्व के रास्ते में क्या चुनौतियाँ हैं ? 

Ans .  (class 12 political science notes in hindi) 

संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रभुत्व Dominance ) — समय के बदलने से नई परिस्थितियाँ प्रतिद्वंद्विता के क्षेत्र में नए – नए प्रतियोगी उभरकर तानाशाही कितने दिन चली । भारत में स्वतंत्रता के रास्ते में चुनौतियाँ ( Challenges to U.S. और किसी भी व्यक्ति या देश का प्रभुत्व सदैव के लिए पैदा होती हैं , नए विचार उभरते हैं और आते हैं । साम्यवादी देशों में साम्यवादी दल की के बाद पहले तीन आम चुनावों में काँग्रेस दल का प्रभुत्व था । 

( political science class 12 notes ) चौथे आम चुनाव में वह कई राज्यों में समाप्त हो गया और 1988 के बाद राष्ट्रीय राजनीति में भी इसका प्रभुत्व समाप्त हो गया । आज वह पार्टी क्षेत्रीय दलों से सहयोग माँगती है । इसी प्रकार अमेरिका का प्रभुत्व विश्व राजनीति में कुछ वर्षों तक चला और अब इसे भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है । अब संसार के देशों का भी यह भ्रम कि कोई अमेरिकन शक्ति को चुनौती नहीं दे सकता समाप्त हो गया है । 

आज विश्व राजनीति में अमेरिका को अपने प्रभुत्व की रक्षा करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जो कि मुख्य रूप से निम्नलिखित है :- 

1. फैलता आतंकवाद ( Spreading Terrorism ) संसार में फैलता आतंकवाद बहुत – से देशों के साथ – साथ अमेरिका के वर्चस्व को बहुत बड़ी चुनौती है । 2001 में 11 सितंबर को हुई घटना ने सारे संसार को तो हिलाया ही स्वयं संयुक्त राज्य अमेरिका को भी हिला दिया है । उसके प्रदेश में घुसकर उसके महत्त्वपूर्ण भवनों को नष्ट करने का प्रयास कोई साधारण घटना नहीं थी , 

अमेरिका के वर्चस्व को चुनौती थी । इस घटना ने संयुक्त राज्य अमेरिका को अपनी ही सुरक्षा के संबंध में चिंतित किया । सारी जनता काफी लंबे समय तक भयभीत रही और सरकार भी बहुत अधिक चौकन्नी हुई । हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्थाएँ तथा प्रवेश केंद्रों पर चौकसी बढ़ाई गई । इनसे अमेरिकी की जनता को भी पहले से अधिक परेशानी से गुजरना पड़ रहा है । 

2. इराक पर आक्रमण से विश्व जनमत तथा राष्ट्रीय जनमत पर विपरीत प्रभाव ( Adverse impact of Attack on Iraq on World Public Opinion and National = Public Opininon ) — इराक पर आक्रमण की कार्यवाही ने विश्व जनमत और राष्ट्रीय जनमत पर बुरा प्रभाव डाला है । 

( political science class 12 notes )अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में अमेरिका की इस कार्यवाही को जो उसने संयुक्त राष्ट्र संघ की अनुमति के बिना तथा फ्रांस और रूस जैसे देशों द्वारा प्रकट की गई असहमति तथा आलोचना के बाद भी की , अमेरिकी की दादागिरी के रूप में लिया गया है । 

इराक युद्ध में वंदी बनाए गए इराकी सैनिक के साथ अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार बर्ताव नहीं किया गया और उन्हें अमानवीय यातनाएँ दी गईं । इन घटनाओं को टी . वी . द्वारा प्रदर्शित किए जाने पर विश्व जनमत और अधिक बुश प्रशासन तथा अमेरिका के विरुद्ध हुआ । 

युद्ध के दौरान 3000 से अधिक इराकी सैनिक मारे गए और उसके बाद भी प्रायः प्रतिदिन होने वाले बम विस्फोटों तथा आत्मघाती हमलों में अमेरिकी सैनिक भी जान से हाथ धो बैठते हैं । 

इन सैनिकों के परिवारवालों ने अमेरिका में व्यापक प्रदर्शन किए है और जनता यह माँग करने लगी है कि इराक से अमेरिका का कुछ लेना – देना नहीं है , वहाँ से अमेरिकी सेना वापस बुलाई जाए । 

बहुत – से देशों ने अमेरिका में भेजे अपने सैनिक वापस बुला लिए हैं और अब तो इग्लैंड भी इराक में भेजे अपने सैनिकों में कमी करने लगा है । इन बातों से अमेरिका की छवि को धक्का लगा है । 

3. अफगानिस्तान और इराक में शांति और स्थायी शासन स्थापित करने में असफलता ( Failure in Establishing Peace and Stable Government in Afghanistan and Trag ) – 11/9 की घटना के बाद अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की पुष्टि से अफगानिस्तान तालिवान सरकार पर आक्रमण किया और तालिबान सरकार को परास्त करके लोकतांत्रिक सरकार स्थापित की नया संविधान बनवाया । 

( political science class 12 notes )परंतु अभी वहाँ अभी वहाँ न तो ठीक प्रकार से कानून और व्यवस्था तथा शान्ति स्थापित हो पाई है और न ही सरकार में स्थायित्व आया है । वहाँ तत्व फिर से सर उठाने लगे हैं । राष्ट्रपति बुश का कहना था कि इराक में आये दिन आत्मघाती हमले तथा बम विस्फोट हो रहे हैं ।