झारखंड के धनबाद जिले में सबसे चर्चित एनकाउंटर की जांच तेजी से चल रही है. मुथूट फाइनेंस में लूट की घटना के दौरान अपराधी शुभम सिंह का सामना बैंक टर्न इंस्पेक्टर पीके सिंह से हो गया. जिले के बैंक मोड़ थाना क्षेत्र में छह सितंबर को मुथूट फाइनेंस में डकैती के दौरान डकैती की मौत के मामले में जहां जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा गया है, वहीं धनबाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी जांच में लगे हुए हैं।
इस बीच सोमवार को धनबाद मुख्यालय एसडीपीओ अमर कुमार पांडेय ने अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर कई जानकारियां लीं, साथ ही स्थानीय प्रतिष्ठानों के मालिकों से अहम जानकारी हासिल की. इस दौरान उनके साथ सरायढेला थाना प्रभारी, बैंक मोड़ थाना के अधिकारी भी मौजूद रहे. सरायढेला थाना प्रभारी वीर कुमार मामले के आईओ हैं.
आपको बता दें कि 6 सितंबर को बैंक मोड़ के पॉश इलाके में लूट की घटना को अंजाम देने के लिए मुथूट फिनकॉर्प को 5 अपराधियों ने निशाना बनाया था. इस दौरान पुलिस के साथ लुटेरों की मुठभेड़ भी हुई थी. दोनों पक्षों की ओर से हुई फायरिंग में शुभम नाम के अपराधी की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं दूसरी ओर दो अपराधियों को पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया. इस घटना में कुल पांच अपराधी शामिल थे।
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मुठभेड़ को लेकर सीआईडी जांच के आदेश भी दिए गए हैं। एनकाउंटर को लेकर सवाल उठ रहे हैं, हालांकि इस मुठभेड़ के बाद पुलिस चारों तरफ जय-जयकार कर रही है. अपराधी से मुठभेड़ करने वाले इंस्पेक्टर को सम्मानित करने का सिलसिला लगातार जारी है.
उधर, मारे गए अपराधी शुभम के परिजनों ने मुठभेड़ को लेकर सवाल खड़े किए हैं. परिजनों का कहना है कि उनका बेटा आतंकवादी नहीं था। पुलिस उसके पैर में भी गोली मार सकती थी, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया और जानबूझकर उसे मार डाला।