चार साल बाद कटरा जलापूर्ति योजना का 35 फीसदी ही पूरा हो पाया है, जिससे केंद्रीय टीम नाराज है। 4 लाख लोगों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य धराशायी

चार साल बाद कटरा जलापूर्ति योजना का 35 फीसदी ही पूरा हो पाया है, जिससे केंद्रीय टीम नाराज है। 4 लाख लोगों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य धराशायी
IMAGE CRADIT ; BHASKAR

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4 लाख से अधिक की आबादी को पेयजल पहुंचाने के लिए शुरू की गई कटरा जलापूर्ति योजना की केंद्रीय टीम ने बहुत धीमी गति से चलने के लिए कड़ी आलोचना की है। भले ही इस परियोजना को मार्च 2021 में पूरा किया जाना था, लेकिन पहले चार वर्षों में केवल 35% काम ही पूरा हुआ है। दो महीने पहले शहरी विकास विभाग ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को निर्माण कंपनी श्रीराम ईपीएस को काली सूची में डालने की सलाह दी थी।

इसकी जांच के लिए दो सदस्यीय कोर टीम भेजी गई है। जांच दल के ऋषभ त्रिपाठी और अजीत कुमार ने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया। टीम गुरुवार को दिल्ली के लिए रवाना हुई। निर्माण एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने का निर्णय उसकी रिपोर्ट के आधार पर किया जा सकता है।
अमृत ​​कार्यक्रम के हिस्से के रूप में 2018 में 166 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की गई थी। नगर निगम क्षेत्रों कतरास और छत्ताड़ में वार्ड 1 से 13 तक घर-घर पानी पहुंचाना था।
परियोजना की लागत : रु. 166 करोड़ एजेंसी समझौता – 4 दिसंबर, 2018 नवीनीकरण 31 मार्च, 2021 को समाप्त होने वाला था। विस्तार: 35% कनेक्शन 31 मार्च, 2022 तक पूरे हो गए, जो 55,243 के बराबर है।

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