जमशेदपुर कॉलेज में कार्यरत चपरासी से जुड़ी धनबाद अपराध स्थल से बाइक बरामद
हालांकि भारत के उलिडीह विभाग के मानगो में 18 अगस्त को हुई चोरी के पीछे की कहानी को उजागर करने के लिए धातु शहर से पुलिस अधिकारियों की टीम को धनबाद पहुंचे 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन लगता है कि टीम ने कुछ प्रगति की है। जाँच पड़ताल।
जमशेदपुर पुलिस ने अब तक जो मामूली प्रगति की है, वह यह है कि धनबाद में मुथूट फाइनेंस कार्यालय के पास अपराध स्थल से बरामद कई बाइकों में से एक सुदामा कालटा के नाम से पूर्वी सिंहभूम जिला परिवहन कार्यालय में पंजीकृत है।
कालता कदमा स्थित डीबीएमएस इंग्लिश कॉलेज में चपरासी हैं।
कदम थाना के ओसी अशोक राम ने बताया कि धनबाद पुलिस से मंगलवार को धनबाद स्थित मुथूट फाइनेंस कार्यालय से बरामद मोटरसाइकिल के नाम व ठिकाने का पता लगाने का संदेश मिला है.
पूछताछ में बाइक के मालिक सुदामा काल्टा हैं, जो डीबीएमएस इंग्लिश कॉलेज में एक चपरासी हैं। हालांकि बाइक के असली मालिक इस समय चाईबासा निवासी गंगा गोप हैं।”
कदमा ओसी ने बताया कि सुदामा ने 10 दिन पहले बाइक गंगा को दी थी लेकिन अभी तक नहीं मिली है।
गंगा के नाम पर ट्रांसफर उन्होंने कहा कि वह पहले ही धनबाद पुलिस को गंगा गोप के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हुए जवाब दे चुके हैं।
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गौरतलब है कि पुलिस के सूत्रों से पता चला है कि धनबाद में पुलिस कार्रवाई से बचे दो डकैतों ने खुलासा किया है कि उलीडीह विभाग में चोरी एक ही गिरोह ने की थी लेकिन दोनों में से किसी का भी हाथ नहीं था.
सूत्रों ने दोनों डकैतों के हवाले से बताया कि यह अंतरराज्यीय गिरोह है और गिरोह के सदस्यों को मोबाइल रखने की इजाजत नहीं है।
मजे की बात यह है कि नीचे सूचीबद्ध वरिष्ठ पुलिस अधिकारी धनबाद में चोरी के प्रयास के बाद की जांच के संबंध में चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि धातु नगर की टीम धनबाद में लंगर डाले हुए है, दोनों डकैतों से फलियां निकलने का अंदेशा है, लेकिन अभी तक कुछ सामने नहीं आया है।
हथियारबंद लुटेरों के एक गिरोह ने मुथूट फाइनेंस कार्यालय में सोने के गहने लूटने के लिए धावा बोला था, लेकिन धनबाद पुलिस चोरी को बड़े करीने से नाकाम करने में सफल रही, लेकिन एक अपराधी को मार गिराने और दो अन्य को गिरफ्तार करने में भी कामयाब रही.
गौरतलब है कि जमशेदपुर पुलिस टीम को इस समय उलीडीह बैंक की एक करोड़ रुपये से अधिक की चोरी का पर्दाफाश होने का अंदेशा है क्योंकि दोनों कानूनी कृत्यों की कार्यप्रणाली एक जैसी थी।