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पुरुषोत्तम के चौहान भारत के धनबाद में एक स्वतंत्रता सेनानी थे। जिनका जन्म 1905 में हुआ था और इनकी मृत्यु 1958 में हुई थी । यह बहुत ही कुशल कार्यकर्ता थे । साथ ही ये कोयला खदानों के भी मालिक थे । पुरुषोत्तम के चौहान सामाजिक नेता और राजनीतिक भी थे।
Purushottam K. Chauhan biography chart | पुरुषोत्तम के चौहान जीवन परिचय चार्ट
नाम | पुरुषोत्तम के चौहान |
जन्म | 1905 |
जन्म स्थान | कच्छ के रेहा नामक गांव |
स्थापना | भारतीय झरिया कोलियरी की स्थापना की थी |
पिता | खीमजी वालजी चौहान |
पेशा | Coal miner, politician & leader |
प्रशिद्ध | Independence activist, Labor leader, politician |
योगदान | धनबाद में 17 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन की रैली का नेतृत्व किया |
शिक्षा | कोलकाता में कानून की पढ़ाई किये |
नियुक्ति | नवल टाटा के रूप में |
मृत्यु | 1958 |
उम्र | 53 साल |
मृत्यु स्थान | 1958 Bombay, India |
पुरुषोत्तम के चौहान जीवन परिचय | Purushottam K. Chauhan biography
Purushottam K. Chauhan biography :- पुरुषोत्तम के चौहान जी का जन्म 1905 में कच्छ के रेहा नामक गांव में उनके प्रेतक गांव में हुआ था। उनके पिता जी का नाम खीमजी वालजी चौहान था। जो कच्छ के मिस्त्री समुदाय से संबंधित रेलवे ठेकेदार थे । वर्ष 1916 में खिमजी वलजी एंड कंपनी की स्थापना किया। उनके पिता खीमजी वालजी ने सेठ खोरा राम जी के साथ साझेदारी में की थी। फर्म ने भारतीय झरिया कोलियरी की स्थापना की जो कोयला खदान में तीसरे में स्थित थी । उनके पापा ने इतने बड़े कारोबार को खड़ा किया।
Purushottam K. Chauhan biography :- ताकि उनके बेटे इस कारोबार को चलाएं और इसको उचाई तक पहुंचा सके । लेकिन 1936 में अपने पिता की मृत्यु के बाद वरिष्ठ भागीदार बन गए ।
पुरुषोत्तम के चौहान जी की शिक्षा | Education of Purushottam K. Chauhan
Purushottam K. Chauhan biography :- पुरषोत्तम के चौहान वह महात्मा गांधी के आदर्शों से बहुत प्रभावित थे । जब कोलकाता में कानून की पढ़ाई कर रहे थे। तब ही वहां भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए थे। उन्होंने धनबाद में 17 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन की रैली का नेतृत्व किया और इस रैली में उन्होंने सक्रिय रूप भाग भी लिया था । भारत छोड़ो आंदोलन की रैली का नेतृत्व किया ।
Purushottam K. Chauhan biography :- जिसे लाठीचार्ज ने तोड़ दिया था और धनबाद में कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने के लिए कैप्टन एलिस के अधीन आसनसोल से anti – aircraft का एक महाद्वीप भेजा गया । चौहान ने पीसी बॉस को अंग्रेजों ने गिरफ्तार जेल भेज दिया । दोनों धनबाद के छात्र नेता थे । जबकि पी बॉस स्वतंत्रता के बाद धनबाद से वर्ष 1951 से 1957 और 1957 से 1962 के लिए संसद सदस्य थे । जहां पी के चौहान इसी अवधि के लिए धनबाद से बिहार के विधानसभा सदस्य बने ।
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पुरुषोत्तम के चौहान जी का करियर | careers of Purushottam K. Chauhan
Purushottam K. Chauhan biography :- वर्ष 1957 में उन्होंने 19 जून से 11 जुलाई 1947 तक जिनेवा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन के 30 वे मात्र में नियुक्त प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया । जहां जहां उन्हें 1947 में नौसेना टाटा अगेन की अध्यक्षता वाली समिति के 34 वे जहां- नवल टाटा के रूप में नियुक्त किया गया था ।
Purushottam K. Chauhan biography :- उन्होंने अपने करियर को बनाने में काफी ध्यान दिया। उनके पिताजी खीमजी ने उनको अपनी मृत्यु के बाद कारोबार सौंप दिया था। जिससे उन्होंने बहुत ही अच्छे से चलाएं और काफी पहचान भी बना लिया । अपने करियर को लेकर तो सभी को चिंता होती है और अपने करियर पर सभी ध्यान भी देते हैं । उसे बनाने में काफी मुश्किलों का सामना भी करते हैं तब जाकर अपने करियर को अच्छे से बनाते हैं। ठीक इसी तरह से पुरषोत्तम के चौहान जी ने भी किया और आज कामयाबी उनको कदमों में थी ।
पुरुषोत्तम के चौहान जी का परिवार | family of Purushottam K. Chauhan
Purushottam K. Chauhan biography :- पुरुषोत्तम के चौहान के परिवार के बारे में तो हमें उतनी जानकारी प्राप्त नहीं है । परंतु उनके पिताजी के बारे में कुछ जानकारी दी गई हैं। पुरषोत्तम जी के पिता जी का नाम खीमजी था। जिन्होंने सेठ खोरा राम जी के साथ साझेदारी में भारतीय झरिया कोलियरी की स्थापना की थी । लेकिन कुछ ही समय के बाद 1936 में उनके पिताजी की मृत्यु हो गई थी और कारोबार का सारा भार उन्हीं के ऊपर आ गया । उन्होंने कारोबार का कार्य बहुत ही अच्छी तरह से संभाला और अपने पिताजी के कारोबार को ऊंचाई तक पहुंचा दिया ।
पुरुषोत्तम के चौहान द्वारा किए गए कुछ महत्वपूर्ण कार्य :
- 17 अगस्त 1942 को धनबाद में भारत छोड़ो आंदोलन में रैली का नेतृत्व किया जिसे लाठीचार्ज से तोड़ दिया गया । ( 1951 से 1957 ) और ( 1957 से 1962 ) के वर्षों में पुरुषोत्तम के चौहान जी को उसी अवधि के लिए धनबाद से बिहार विधानसभा के सदस्य बना लिया गया ।
- 1948 और 1952 में दो बार शरीर के राजा ( राजा काली प्रसाद सिंह ) और रामगढ़ के राजा ( राजा बहादुर ) जैसे मजबूत विरोधियों को भी हराया ।
- वह एक अच्छे व्यक्तित्व थे डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने जमीदारी उन्मूलन अधिनियम लाने पर उनके अनुकरणीय और करुणा में भाषण के लिए उनकी सराहना की ।
- 17 जून 1948 से 10 जुलाई 1948 तक सैन फ्रांसिस्को संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित 130 में अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में भाग लिया ।
पुरुषोत्तम के चौहान का सोशल मीडिया | social media of Purushottam K. Chauhan biography
Purushottam K. Chauhan biography :- पुरुषोत्तम के चौहान ने सोशल मीडिया पर अपनी उपलब्धियों के बारे में बताया और इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट भी करते रहते थे कि किस तरह उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और किस तरह से वह धनबाद से बिहार विधानसभा की सदस्य बने । इन सभी के बारे में आप को सोशल मीडिया से जानकारी मिल जाएगी । परंतु उन्होंने अपने परिवार के बारे में इतना कुछ नहीं बताया है ना ही उन्होंने कोई पोस्ट किया है।
Purushottam K. Chauhan biography:- जिसके जरिए हम यह पता लगा सके कि उनके परिवार में कौन कौन थे उनके पिताजी के बारे में बताएं गया है जिनका नाम खीमजी था ।
पुरुषोत्तम के चौहान का रोचक बातें | interesting facts about Purushottam K. Chauhan
पुरुषोत्तम के चौहान के बारे में कुछ रोचक बातें यह लगी कि उन्होंने हमेशा सबकी मदद ही की और अपने पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने जिस तरह से अपने पिताजी के कारोबार को चलाया वो काबिले – ए – तारीफ था।
Purushottam K. Chauhan biography :- हमेशा सबकी भलाई के बारे में सोचते थे । और हमेशा सबकी मदद भी किया करते थे। हमें इन से प्रेरणा लेनी चाहिए कि किस तरह से आज के जमाने में अपने सपनों को साकार कर सकते हैं और किस तरह से दूसरों की मदद भी कर सकते हैं । जिस तरह से उन्होंने अपने कारोबार को संभालते हुए भी भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और धनबाद से बिहार सभा के सदस्य भी बन गए । इनसे हमें कुछ सीख लेनी चाहिए ।
पुरुषोत्तम के चौहान की मृत्यु | Death of Purushottam K. Chauhan
Purushottam K. Chauhan biography :- 53 साल की उम्र में मुंबई में अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया । 1958 में उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने बहुत से अच्छे काम किए थे । परंतु उनकी मृत्यु हो गई पुरुषोत्तम के चौहान एक बहुत ही राजनीतिज्ञ थे । जिसमें राजनीति में लगभग अपना पैर जमा ही लिया था । वो एक बहुत ही अच्छे व्यक्तित्व के आदमी थे । उनसे बहुत ही सीख मिली है । किस तरह से अपने जीवन को जीना चाहिए मुश्किल का सामना भी करना चाहिए ।
FAQ
पुरुषोत्तम के चौहान जीवन परिचय दीजिये।
पुरुषोत्तम के चौहान जी का जन्म 1905 में कच्छ के रेहा नामक गांव में उनके प्रेतक गांव में हुआ था। उनके पिता जी का नाम खीमजी वालजी चौहान था। जो कच्छ के मिस्त्री समुदाय से संबंधित रेलवे ठेकेदार थे । वर्ष 1916 में खिमजी वलजी एंड कंपनी की स्थापना किया। उनके पिता खीमजी वालजी ने सेठ खोरा राम जी के साथ साझेदारी में की थी।
पुरुषोत्तम के चौहान ने किसका स्थापना किया था?
पुरुषोत्तम के चौहान ने भारतीय झरिया कोलियरी की स्थापना किया था।
पुरुषोत्तम के चौहान का उम्र कितना था?
पुरुषोत्तम के चौहान का मृत्यु उम्र 53 साल था।
पुरुषोत्तम के चौहान के पिता का नाम क्या था?
पुरुषोत्तम के चौहान के पिता का नाम खीमजी वालजी चौहान था।
पुरुषोत्तम के चौहान ने अपनी पढाई कहाँ से किया था?
पुरुषोत्तम के चौहान ने अपनी पढाई कोलकाता में कानून की पढ़ाई कर रहे थे।