सेठ खोरा राम जी चावड़ा , Seth Khora Ramji Chawda biography, Seth Khora Ramji Chawda biography in hindi , सेठ खोरा राम जी चावड़ा जीवनी, जन्म, birthday , family, relationship , networth, biography, wife
सेठ खोरा रामजी चावड़ा का जन्म 1860 में श्री सिनुग्रा कच्छ में हुआ था। जिन्हें सेठ खोरा राम जी के नाम से जाना जाता था । वह एक प्रतिष्ठित रेलवे ठेकेदार कोयला खदानों के , मालिक बैंकर और भारत में बीसवीं शताब्दी के शुरुआती के परोपकारी थे । जिन्होंने धनबाद झरिया से काम किया था।
सेठ खोरा राम जी चावड़ा जीवनी चार्ट | Seth Khora Ramji Chawda biography in hindi chart
नाम | सेठ खोरा राम जी चावड़ा |
उपनाम | खोरा राम जी (Khoda Ramji) |
जन्म | 1860 में |
जन्म स्थान | श्री सिनुग्रा कच्छ |
विवाह | विवाहित |
माता-पिता | N/A |
उम्र | 62 |
पेशा | Coal miner, banker, railway contractor |
प्रशिद्ध | coal mining pioneer, railway bridge constructions |
सौतेली भाई | जेठाभाई लीरा जेठवा ( 1865-1932 ) |
शिक्षा | चौथी कक्षा तक की पढ़ाई किया |
स्कूल | चौथी कक्षा तक |
करियर | सेठ राम जी दो कोलियरी के एकमात्र मालिक थे और लगभग 8 कोलियरी के फाइनेंस सदस्य थे । |
मृत्यु | 1923 |
मृत्यु स्थान | झरिया, इंडिया |
कोलियरी की स्थापना | झरिया , जीनागोरा , जमाडोबा , बलिहारी , फतेहपुर, गरेरिया, बांसजोरा और बगडीह |
समुदाय | उधमी मेंस्त्री (Mestri) |
नेटवर्थ | N/A |
सेठ खोरा राम जी चावड़ा जीवन परिचय | Seth Khora Ramji Chawda biography in hindi
Seth Khora Ramji Chawda biography in hindi :- उनका जन्म कच्छ सिनुग्रा नामक एक छोटे से गांव में हुआ था । वे छोटे लेकिन उधमी मेंस्त्री (Mestri) समुदाय से थे । वह अपने समय के प्रसिद्ध रेलवे ठेकेदार में से एक थे और उनके कार्यों का उल्लेख ब्रिटिश अधिकारियों ने किया था । उन्हें झरिया के कोयला क्षेत्र के यूरोप के एकाधिकार को तोड़ने वाले पहले भारतीय होने का भी श्रेय दिया जाता है ।
उन्होंने 1895 में अपना पहला नाम खास झरिया खदान की स्थापना की कोयला क्षेत्रों में कई कोयला क्षेत्र में भागीदारी भी थे और एक बैंकर के रुप में भी काम करते थे । अपने सौतेले भाई जेठाभाई लीरा जेठवा ( 1865-1932 ) के साथ उनके पास खास जिनगोरा खदान थी । जो जम्मू कश्मीर रामजी के नाम और शेली के तहत संचालित थी । सेठ राम जी द्वारा किए गए कार्य ब्रिटिश अभिलेखों के अनुसार कुछ पंक्तियों को उद्धृत किया गया है ।
Seth Khora Ramji Chawda biography :- सेठ खोरा राम जी ने माइनिंग के कार्य लिए सिंध और उत्तर पश्चिम भारत में रेलवे के सो मिल बनाया । दक्षिण मराठा रेलवे पर 20 रेलवे लाइने बनाई पूर्व बंगाल रेलवे पर 22 मील की रेलवे लाइने बनाई।
हुबली में लोको क्वार्टर जिसमें महान परिमाण के कई पुल शामिल हैं। उनके बड़े भाई भी उसी समय दक्षिण रेलवे का काम कर रहे थे और उन्होंने सफल ठेकेदारी के रूप में भी काम किया । उन सभी ने व्यापार में हाथ मिलाया और सिडीकेट खुद को बनाया ।
साथ ही मद्रास और दक्षिण मराठा रेलवे में काम पूरा किया। लेकिन दुर्भाग्यवश उन्होंने अपने एक भाई को छोड़कर बाकी सभी भाइयों को खो दिया । इसलिए वो सिर्फ एक हाथ रह गए थे । सेठ खोरा राम जी अपने सभी कार्यों को पूरा करने के लिए बहुत ही श्रेय के पात्र हैं क्योंकि उनमें बहुत ही कोशल और श्रम के साथ कई गणितीय गणनाएं शामिल है ।
सेठ राम जी की शिक्षा | education of Seth Khora Ramji Chawda
Seth Khora Ramji Chawda education:- सेठ राम जी ने उतनी शिक्षा प्राप्त नहीं की है। वह शिक्षित होते हुए भी उन्होंने निर्माण कर सभी प्रधानाचार्य को स्पष्ट रूप से समझा दिया था कि रेलवे अधिकारियों की संतुष्टि के लिए उन्हें शोपे गए सभी कार्यों को पूरा किया जाएगा । 1900 मैं उनके कारोबारी जीवन में एक मोड़ आया। उस समय झरिया कोयला क्षेत्र का यूरोपीय के द्वारा दोहन किया जा रहा था और सेठ राम जी इस अवसर का लाभ उठाने वाले पहले भारतीय थे।
Seth Khora Ramji Chawda biography in hindi :- उन्होंने शुरू करने के लिए दो कोलियरी खरीद धीरे- धीरे कर गुजरात के अन्य लोगों ने भी इसका अनुसरण किया और झरिया के लगभग 50 कछियो को एक गुजराती बस्ती में बदल दिया । दो गुजराती कोलियरी मालिकों में से सेट खोरा राम जी इन सभी के प्रमुख थे । सेठ खोरा राम जी के दो कोलियरी के मालिक थे । ज्यादा ज्ञान नहीं था फिर भी उन्होंने अपने जीवन में काफी उपलब्धियों प्राप्त कर ली।
Seth Khora Ramji Chawda biography in hindi :- उन्होंने पढ़ाई तो नहीं कि पर उन्होंने अपने सूझबूझ से दो कोलियरी को खरीदा और उसके मालिक बन गए साथ ही उन्होंने बहुत से लोगों को काम भी दिया । उन्होंने अपने गांव के स्कूल में चौथी कक्षा तक की पढ़ाई किया था लेकिन फिर भी तकनीकी ज्ञान और गणितीय गणना की आवश्यकता वाले रेलवे पुल के खड़ा करने और बनने में कामयाब रहे ।
अन्य पढ़े
- History of Jharia and Best 5 tourist places of Dhanbad | झरिया का इतिहास व धनबाद का पर्यटक स्थल
- Top 8 best tourist place in dhanbad | धनबाद के नामी घूमने वाला जगह
- Top 6 Best Bank of Dhanbad | धनबाद के टॉप 5 बैंक
- Bibhu Bhattacharya biography in hindi | विभु भट्टाचार्य जीवनी | death 67 years
- मीनाक्षी शेषाद्रि जीवनी | Meenakshi Seshadri biography in hindi | best 10 movie
सेठ राम जी का करियर | career of Seth Khora Ramji Chawda
Seth Khora Ramji Chawda biography :- सेठ राम जी दो कोलियरी के एकमात्र मालिक थे और लगभग 8 कोलियरी के फाइनेंस सदस्य थे । वे कई जिला आधिकारी के बहू-करोड़पति झरिया में प्रथम श्रेणी पार्टियों में से एक थे। वह बहुत पैसे कमा चुके थे । उन्होंने अपने करियर में काफी बुलंदियां हासिल कर ली थी । साथ ही उन्होंने बहुत से लोगों को इसके जरिए प्रेरणा भी दिया था, कि वह लोग भी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें ।
सिनोगरा में खोरा रामजी चावड़ा द्वारा किए गए कुछ कार्य है :
( 1 ) ( 1880 ) हुबली लोको शेड और अन्य कार्य , उत्तर पश्चिमी रेलवे में 100 मील कार्य , दक्षिणी मराठा रेलवे में 20 मील कार्य किए हैं ।
( 2 ) ( 1888-84 ) में 177 मील हटांगी से गंडाग अपने भाइयों के साथ एस एम आर में ईस्ट बंगाल रेलवे में 22 मील रेलवे बनाएं ।
( 3 ) ( 1894 ) में ई आई आर के झरिया शाखा लाइन 1895 ईस्ट कोस्ट स्टेट रेलवे और ब्रिज में रेलवे लाइन गंजग के ऊपर उनका अंतिम रेलवे कार्य 1903 में हुआ था । उन्होंने अपने करियर को बनाने में काफी ध्यान दिया और वह बहुत पैसे भी कमाने लगे ताकि उनका आगे जीवन अच्छे से चल सके ।
सेठ राम जी का परिवार | Family of Seth Khora Ramji Chawda
Seth Khora Ramji Chawda biography in hindi :- सेठ राम जी ने ज्यादा पढ़ाई नहीं की थी। लेकिन तब भी उन्होंने कामयाबी पा ली । वर्ष 1923 में सेठ राम जी चावड़ा की मृत्यु हो गई । उनकी मृत्यु के बाद उनकी दो कोलियरी को खास झरिया और गोल्डन झरिया जो अधिक 260 फीट गहरे पर काम करती थी । अब मुख्यात भूमिगत आग के कारण ढह गए । जिसमें उनका घर बंगला भी 8 नवंबर 1930 को ढह गया । जिससे 18 फीट नीचे गिर गया और व्यापक विनाश हुआ।
सेठ खोरा राम जी चावड़ा जीवनी :- उस समय की कोयला खदान उनके बेटे करं मसी खोखा , अबलाल खुरा ने रेलवे ठेकेदार के रूप में पिता की विरासत को भी आगे बढ़ाया । जिनकी एक रेलवे दुर्घटना में मृत्यु हो गई । खास जिन्नागोरा खदान को बाद में ( 1938-39 ) तक जेठा लीला जेठवा , करसाजी जेठाभाई और बाद में देवराम जेठा भाई जेठवा के बेटों द्वारा चलाया गया ।
सेठ खोरा राम जी चावड़ा जीवनी :- जिसके बाद खदान को बेच दिया गया और परिवार ने कोलकाता में कोयला खनन मशीनरी के आयातक के रूप में खुद को स्थापित किया ।
सेठ खोरा राम जी चावड़ा का सोशल मीडिया | social media of Seth Khora Ramji Chawda
Seth Khora Ramji Chawda biography :: सेठ राम जी चावड़ा के बारे में सोशल मीडिया में इतनी जानकारी नहीं मिलती है । वह सोशल मीडिया से ज्यादा जुड़े हुए नहीं थे। वह बहुत कम ही पोस्ट डालते थे । सोशल मीडिया पर उन्होंने जितनी भी उपलब्धि मिली उसके बारे में भी कम ही जानकारी दी गई है । उन्होंने झरिया में एक निजी बैंकर के रूप में एक नया उधम भी शुरू किया ।
वह 1920 तक इतनी ऊंचाई तक पहुंचे और सेठ बन गए । खोरा राम जी की अंग्रेजी को बांग्ला , बिहार और उड़ीसा के विश्वकोश में उनके नाम का उल्लेख करना पड़ा। उन्होंने अपने गांव के स्कूल में चौथी कक्षा तक की पढ़ाई की के थी लेकिन फिर भी तकनीकी ज्ञान और गणितीय गणना की आवश्यकता वाले रेलवे पुल के खड़ा करने और बनने में कामयाब रहे ।
खोरा राम जी द्वारा बनाए गए कुछ महत्वपूर्ण पुल और कोलियरी :
( 1 ) -खोरा राम जी और भाइयों ने खास झरिया , जिनोगरा , जामाडोबा , बलिहारी , फतेहपुर , गररिया वासजोरा और बाग डिह में कोलियरी की स्थापना की ।
( 2 ) – शुद्ध झरिया कोलियरी में खोरा राम जी और भाई दीवानी बहादुर डीडी ठाकुर के साथ भागीदार थे खोरा राम जी तीसरा स्थित खीमजी वालजी एंड कंपनी की भारतीय झरिया कोलियरी में भी भागीदार थे ।
( 3 ) झरिया कोल फील्ड्स में अंग्रेजों के एकाधिकार को तोड़ने वाले पहले भारतीय होने का श्रेय सिनुग्रा कै सेठ खोरा राम जी चावड़ा जी को जाता है। जिन्होंने इस कार्य को संपूर्ण किया था ।
विश्व कोष में दिए गए खोरा राम जी की जीवन रेखा चित्र :
Seth Khora Ramji Chawda biography :- सेठ खोरा राम जी चावड़ा जीवनी :- अंग्रेजों ने वर्ष 1920 में इस तथ्य पर नोट किया है ” झरिया कोल फील्ड्स मे वह अवसर का लाभ उठाने वाले पहले भारतीय थे और कोलियरी व्यवसाय में अपने त्वरित प्रवेश से वह थे ।
पिछड़े वर्ग के रूप में अपने समुदाय के खिलाफ लगाए जाने वाले कलंक को दूर करने में सक्षम थे ” इसके अलावा एक विवरण पुस्तक में दिया गया है झरिया में स्वर्णिम दिनों की डायरी झरिया के कोयला क्षेत्रों में कच्छ के गुर्जर क्षत्रीय समाज का एक संस्मरण थे।
इतिहास नटवरलाल देवराम जेठवा द्वारा लिखित उदाहरण :
( 1894-95 ) में ईस्ट इंडिया रेलवे में कटरा और झरिया होते हुए बराकर से धनबाद तक अपनी लाइन का विस्तार किया। सेठ खोरा राम जी 1894 में अपने भाई जेठा लीला के साथ झरिया शाखा लाइन के रेलवे लाइन को बिछाने के लिए मिट्टी की खुदाई करते समय झरिया कोयला क्षेत्रों की खोज की गई थी । खोरा राम जी ने झरिया रेलवे स्टेशन के पास काम करते हुए तुरंत सोना महसूस किया और झरिया की राजा से जमीन खरीद ली ।
सेठ खोरा राम जी का रोचक बातें | interesting facts about Seth Khora Ramji Chawda
Seth Khora Ramji Chawda biography :- खोरा राम जी ने ( 1895-1909 ) के वर्षों में लगभग 8 कोयला क्षेत्र खरीदें । इसके अलावा उन्होंने साथी मिस्त्री ठेकेदारों की जमीन खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें ऐसा करने के लिए वित्त भी दिया ।
बाद में उन्होंने खनन अधिकारों को पट्टे के लिए झरिया के राजा से संपर्क किया और अपने कोलियरी व्यवसाय की नींव रखी ।
खास झरिया गरेरिया नामक उनकी तीन कोलियरी के स्थान का उल्लेख 1917 बंगाल ,असम ,बिहार और उड़ीसा के राजपत्रों में भी किया गया है । झरिया कोयला क्षेत्र में कच्छ गुर्जर क्षत्रीय समाज का एक संस्मरण स्थापित किया । उन्होंने झरिया स्कूल नाम से गुजराती स्कूल शुरू करने के लिए कुछ मिस्त्री कोलियरी मालिकों के साथ फंड प्रदान किया।
Seth Khora Ramji Chawda biography in hindi :- उनके पास कृषि भूमि भी थी । जिसके ऊपर उपज थी । गरीबों और जरूरतमंदों को दिया ।1920 में सार्वजनिक दान कार्यक्रम का आयोजन किया । जिनमें इस घटना के समय से खोरा राम जी के महाराज बहादुर द्वारा सम्मानित किया गया था । इसके अलावा मथुरा धर्मशाला नामक एक धरमशाला का निर्माण और दान किया था । जब वे रेलवे अनुबंध की नौकरी के लिए वह तेनात थे ।
रामजी और भाइयों ने खास झरिया , जीनागोरा , जमाडोबा , बलिहारी , फतेहपुर, गरेरिया, बांसजोरा और बगडीह में कोलियरी की स्थापना की।
FAQ
सेठ खोरा राम जी चावड़ा जीवनी बताये?
सेठ खोरा रामजी चावड़ा का जन्म 1860 में श्री सिनुग्रा कच्छ में हुआ था। जिन्हें सेठ खोरा राम जी के नाम से जाना जाता था । वह एक प्रतिष्ठित रेलवे ठेकेदार कोयला खदानों के , मालिक बैंकर और भारत में बीसवीं शताब्दी के शुरुआती के परोपकारी थे ।
सेठ खोरा राम जी का दूसरा नाम क्या है?
सेठ खोरा राम जी का दूसरा नाम खोरा राम जी था।
सेठ खोरा राम जी का उम्र कितना हैं?
सेठ खोरा राम जी का उम्र 62 साल हैं।