प्रज्ञा प्रसून जीवन परिचय | Pragya Prasun Biography | Best 8 facts

प्रज्ञा प्रसून जीवन परिचय ,Pragya Prasun Biography , birthday, relationship, husband, children, acid attack, dhanbad politics, biography, interesting facts, social media, Pragya Prasun foundation

प्रज्ञा प्रसून जी का जन्म 1983 में हुआ था। जो एक भारतीय कार्यकर्ता थी । जिन्होंने एक फाउंडेशन की स्थापना की थी । उन्होने इस फाउंडेशन की स्थापना इस लिये की थी क्युकी   बहुत लोग जो एसिड से पीड़ित होते है उनके इलाज के लिए उतनी सोविधा नहीं मिल पाती है । इसलिए उन्होंने इस फाउंडेशन कि स्थापना कि ताकि वो सब लोग जो एसिड से पीड़ित होने कि वजह से अपनी जिंदगी जी नहीं पाते हैं ।

Pragya Prasun Biography : उनके लिए उन्होंने इस फाउंडेशन कि स्थपापा की है। ताकि सभी को अपनी जिंदगी में परेशानी ना हो इसके लिए उन्हें अवॉर्ड भी मिला है जिसे खुद राम नाथ कोविंद ने 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया।

Table of Contents

प्रज्ञा प्रसून जीवन परिचय | Pragya Prasun Biography

नामप्रज्ञा प्रसून
जन्म1983
माता-पिताN/A
जन्म स्थानधनबाद
घटनाएसिड अटैक (Acid Attack)
उम्र38 वर्ष
पतिसंजय सिंह
बच्चे2 बच्चे
घटना की तारीख18 जुलाई 2013
अपराधी से संबंधपूर्व प्रेमी
फाउंडेशनअतिजीवान फाउंडेशन
शिक्षाबनारस हिंदू विश्वविद्यालय से
डिग्रीअर्थशास्त्र मे
Pragya Prasun Biography

प्रज्ञा प्रसून की जीवनी | Pragya Prasun Biography

प्रज्ञा प्रसून जीवन परिचय  :- प्रसून जी ने अपने जिंदगी में बहुत मुश्किलों का सामना किया है । प्रसून जी चार बच्चों में सबसे बड़ी थी । इनके पापा कोल इंडिया के लिए काम करते थे। प्रसून जी जब बड़ी हुई तब उनकी शादी कर दी गई । शादी के बाद जब वो ट्रेन से कहीं जा रही थी।

Pragya Prasun Biography  :- तब उनके पूर्व प्रेमी ने ट्रेन में उनके ऊपर एसिड से हमला कर दिया और उनका फेस जल गया । जल्दी से उन्हें हॉस्पिटल के ले जाया गया और उनका इलाज हुआ । नो सर्जरी के बाद वो ठीक हुई और उन्होंने अपना परिवार बनाया साथ ही ने एक संगठन की भी स्थापन की ताकि ये उनलोगो की भी मदद कर पाए ।  जो एसिड के चलते पीड़ित है और बहुत हद तक उन्होंने इस काम को किया ।

प्रज्ञा प्रसून का करियर और अतिजीवान फाउंडेशन | career of Pragya Prasun and atijeevan Foundation

Pragya Prasun Biography  :- प्रसून ने 2013 में अतिजीवान फाउंडेशन की स्थापना की । यह एक गैर सरकारी संगठन है । जो एसिड हमले से बचे लोगों की मदद करता है । इस हमले से उभरने वाले लोगो के लिए सर्जरी और अन्य उपचार की फंडिंग करता है । भारत में हर साल 100 से भी ज्यादा एसिड हमले होते है जो कि ज्यदतार महिलाओं पर ही होते है । प्रसून का कहना की 100 का अकड़ा काम ही बताया जा रहा है।

Pragya Prasun Biography  :- उनके हिसाब से भारत में हर साल 1000 लोगों पर ये हमले होते है । 2019 तक इस फाउंडेशन ने 250 से अधिक बचे लोगों का समर्थन किया था सर्जरी बेंगलुरु , चेन्नई , दिल्ली , मुंबई अस्पतालों में की जाती है स्टेशनरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल चेन्नई में 2018 में मुफ्त बल प्रत्यारोपण की पेशकश करके समूह का समर्थन करने का संकल्प लिया ।

अन्य पढ़े

प्रज्ञा प्रसून का परिवार | Family of Pragya Prasun 

Pragya Prasun Biography  :- प्रज्ञा प्रसून का जन्म 1983 में हुआ था। जो की भारत के राज्य झारखंड के धनबाद में हुआ था । उनके पिता कोल इंडिया के लिए काम करते थे । प्रसून चार भाई बहनों में सबसे बड़ी बहन थी। जिनके शादी बड़े होते ही कर दी गई । प्रसून ने 2006 में अपने पति से वाराणसी में शादी की ।

ठीक उसके बारह दिन के बाद जब वो ट्रेन से दिल्ली जा रही थी तो उनके एक पूर्व प्रेमी ने उनके उपर तेजाब फेक दिया। जब वो सो रही थी एक डॉक्टर सहित साथी यात्रियों ने प्रेसुन को 47 % जले हुए हालत में उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया इसके पहले उन्हों ने देखभाल करने की कोशिश की ।

Pragya Prasun Biography  :- अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जब उसने दूसरे ही दिन प्रेसून के उपर हमला किया । उस अपराधी को चार साल की सजा सुनाई । नो सर्जरी के बाद प्रेसुन ने दो बच्चो के साथ एक परिवार बनाया ओर खानपान का बेचने का काम करता है ।

प्रज्ञा प्रसून का एसिड अटैक | Acid Attack of Pragya Prasun

Pragya Prasun acid attack brave women

Pragya Prasun Biography  :- 18 जुलाई 2013 – प्रज्ञा सिंह 18 अप्रैल 2006 को एक और खुशहाल विवाहित महिला थी। वह 30 अप्रैल 2006 को अपने कैंपस प्लेसमेंट साक्षात्कार में भाग लेने के लिए वाराणसी से दिल्ली एसी थ्री-टियर में यात्रा कर रही थी।

दोपहर करीब दो बजे वह उठी और उसके शरीर में जलन हो रही थी। आंखें खोली तो उसने देखा कि उसके शरीर से धुंआ निकल रहा है। क्या हुआ था, यह समझ में नहीं आ रहा था, वह मदद के लिए रोती हुई तीसरी बर्थ से कूद गई। उसकी बोगी और उसके आस-पास के लोगों ने उसकी मदद करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ में से कोई भी उसके जले हुए कपड़ों से समझ नहीं पा रहा था कि उसे क्या हुआ है।

Pragya Prasun Biography  :- प्रज्ञा ने खुद सोचा कि उसे ट्रेन में कोई दुर्लभ बीमारी हो गई होगी। लेकिन सौभाग्य से उसके लिए, अगली बोगी में एक डॉक्टर था जिसने कहा कि यह कोई बीमारी या साधारण जली हुई चोट नहीं थी और उस पर तेजाब से हमला किया गया था।

डॉक्टर ने उसके साथी यात्रियों को उसे खूब पानी से नहलाने की सलाह दी। दो यात्रियों ने उसे इटावा के अस्पताल में ले जाने के लिए पर्याप्त उदारता दिखाई, जहां ट्रेन दो घंटे के बाद रुक गई। अगले दो दिन वह बेहोश थी और उसकी याद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के आईसीयू में जागने की है।

अगले दो वर्षों में, प्रज्ञा को नौ पुनर्निर्माण/प्लास्टिक सर्जरी से गुजरना पड़ा और बिना बालों के रहना पड़ा; उसने अपनी बायीं आंख में दृष्टि खो दी और अभी भी उसकी दाहिनी आंख में समस्या है; उसने अपना दाहिना कान पूरी तरह से खो दिया और दाहिने पिन्ना के छेद को सिकुड़ने से बचाने के लिए संघर्ष कर रही है; उसका बायां हाथ जल गया है और उसकी आधी से ज्यादा पीठ और छाती झुलस गई है। वह कहती हैं, ‘मैं एक जिंदा लाश हूं।अपराधी

Pragya Prasun Biography  :- प्रज्ञा को संजय सिंह से शादी करने से पहले एक दूर के रिश्तेदार से शादी का प्रस्ताव मिला था। लेकिन उसने और उसके माता-पिता ने भी इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उसने उसकी जिंदगी बर्बाद करने की धमकी दी, लेकिन तब तक प्रज्ञा ने संजय सिंह से खुशी-खुशी शादी कर ली थी। यह तिरस्कार करने वाला प्रेमी था, जिसने उसकी एकमुश्त अस्वीकृति से परेशान होकर प्रज्ञा पर बेशर्मी से तेजाब डाल दिया। उसे इटावा स्टेशन पर पकड़ा गया और उन्होंने उसे जेल में डाल दिया।

उन्होंने डेढ़ साल तक जेल की सेवा की जिसके बाद उनके आर्थिक रूप से मजबूत परिवार ने उन्हें जमानत पर बाहर निकालने में कामयाबी हासिल की। उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रज्ञा के मामले को देख रहे सरकारी वकील और न्यायाधीश को कथित तौर पर एक लाख रुपये की रिश्वत भी दी। फैसला 2008 में आया और आरोपी ने अपनी साढ़े चार साल की जेल की सजा पूरी करने के लिए केवल तीन साल जेल की सजा काट ली।

Pragya Prasun Biography  :- प्रज्ञा के अनुसार, निश्चित रूप से, कोई भी सजा उस दर्द और शर्म को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं होती जिससे वह गुज़री। हताश क्षणों में, उसने महसूस किया है कि आरोपी पर तेजाब से हमला करने से उसे केवल मानसिक शांति मिल सकती है। लेकिन तब समाज और सभ्यता का शासनादेश आ जाता है और अच्छी भावना प्रबल होती है।

प्रज्ञा की कहानी | story of Pragya Prasun  

Pragya Prasun Biography : Acid attack Story

Pragya Prasun Biography  :- प्रज्ञा सिंह वाराणसी की रहने वाली हैं। सबसे बड़ी होने के कारण उसका अपने परिवार के प्रति उत्तरदायित्व था। स्वभाव से महत्वाकांक्षी, उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और दिल्ली में पर्ल एकेडमी ऑफ फैशन से फैशन प्रबंधन में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। उसे अपने रचनात्मक पक्ष पर गर्व था और उसने अपने लिए बड़े-बड़े सपने बुने थे। वह आज नम आँखों से कहती है, “मैं कुछ बड़ा बनना चाहती थी … कुछ ऐसा करो जिसके लिए जीने लायक हो,” लेकिन इस भीषण घटना ने उसके अस्तित्व को ही रोक दिया।

आज उन्हें सबसे ज्यादा गुस्सा इस बात का है कि इस घटना में उनका करियर खत्म हो गया। वह सुंदरता की इतनी परवाह नहीं करती थी, लेकिन वह बुरी तरह से अपने परिवार का भरण-पोषण करना चाहती थी। हर दूसरे महीने में नौ सर्जरी और अपने पहले बच्चे से पहले दो गर्भपात के साथ, उसकी उम्मीदें और योजनाएँ बिखर गईं।

Pragya Prasun Biography  :- जिस समय उसकी सर्जरी चल रही थी, उसने घर से बाहर निकलने से इनकार कर दिया। वह कभी भी अपने घर की चारदीवारी के पार नहीं जाती थी। लेकिन जटिल सर्जरी के बाद, उसके चेहरे को काफी हद तक फिर से बनाया गया है, खासकर उसकी पलकों को।

लेकिन, समय के साथ, उसने राक्षसी सच्चाई का सामना करना सीख लिया है। वह कहती है, “अलग-अलग दृष्टिकोण वाले दो प्रकार के लोग होते हैं: एक जो कुड़कुड़ाने वाले मार्ग का अनुसरण करता है और दूसरा जो कृतज्ञ मार्ग का अनुसरण करता है, और मैंने गिलास को आधा भरा देखना सीख लिया है।”

Pragya Prasun Biography  :- जहां प्रज्ञा विशेषज्ञता और सर्जरी करने की इच्छा के लिए चेन्नई के शंकर नेत्रालय के डॉक्टरों को धन्यवाद देती हैं, वहीं जहां तक ​​उच्च स्तर की जलन वाले रोगियों का इलाज करने का सवाल है, तो वह सामान्य तौर पर डॉक्टरों और अस्पतालों की दक्षता से खुश नहीं हैं।

उसके पास अस्पतालों और अक्षम प्लास्टिक सर्जनों के बीच एक भयानक समय था। उनके अनुसार, केवल सफदरजंग अस्पताल एक विशेष ‘बर्न यूनिट’ प्रदान करता है; हीरानंदानी अस्पताल, बॉम्बे और मणिपाल अस्पताल, बैंगलोर उसकी अत्यावश्यकताओं का सामना नहीं कर सके।

प्रज्ञा प्रसून का सोशल मीडिया | Social media platforms of Pragya Prasun

Pragya Prasun Biography  :- सोशल मीडिया पर भी हम देख सकते है किस तरह से उन्होंने उन सभी पीड़ित लोगो की मदद की साथ ही उन्होंने अति जीवन फाउंडेशन की स्थापना की  । इस फाउंडेशन कि स्थापन करने के पीछे यह वजह थी कि एसिड पीड़ितो का इलाज अच्छे से हो सके । भारत में एक साल में लगभग 100 केस एसिड पीड़ितो के होते है लेकिन प्रेसुन जी का कहना है कि एसिड पीड़ितो के केस 100 नहीं होते है बल्कि भारत में एक साल में 1000 ऐसे केस होते है ।

Pragya Prasun Biography  :- जिसके वजह से बहुत लोग को अपनी जिंदगी जीने में बहुत मुश्किल का सामना करन पड़ता है ।

प्रज्ञा प्रसून का पुरस्कार और मान्यता | Pragya Prasun Awards and recognition

Pragya Prasun Biography  :- भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 2019 में प्रसून को उनके काम की मान्यता में 2018 नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। यह पुरस्कार भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली व्यक्तिगत महिलाओं या संस्थानों को दिया जाता है।

प्रज्ञा प्रसून का रोचक बातें | interesting facts about Pragya Prasun

Pragya Prasun Biography  :- प्रसुन के अंदर मुझे रोचक बात यह लगी को उन्होंने इतना सब कुछ होने के बाद हार नहीं माना बल्कि बहुत से लोगो को प्रेरणा दी । ताकि वो अपनी जिंदगी अच्छे से जी सके इन्हीं अच्छाइयों के करना राम नाथ कोविंद ने उन्हें महिला बाल विकास अवॉर्ड से समनित किया ।

जो कि बहुत ही गर्व की बात है । हमें भी उनसे सीख लेनी चाहिए । प्रज्ञा जी ने अपने परिवार का भी अच्छे तरह से ख्याल रखा और अपने बचो को भी काफी अच्छी सिक्छा दी इसके साथ ही अपने परिवार को भी संभाला ।

FAQ

प्रज्ञा प्रसून का एसिड अटैक कब हुआ?

प्रज्ञा प्रसून का एसिड अटैक 18 जुलाई 2013 को हुआ।

प्रज्ञा प्रसून का फाउंडेशन का नाम क्या है?

प्रज्ञा प्रसून का फाउंडेशन का नाम अतिजीवान फाउंडेशन हैं।

प्रज्ञा प्रसून कहाँ की रहनेवाली है?

प्रज्ञा प्रसून धनबाद की रहने वाली है।

प्रज्ञा प्रसून का उम्र कितना हैं?

प्रज्ञा प्रसून का उम्र 38 वर्ष हैं।

प्रज्ञा प्रसून के पति का नाम क्या है?

प्रज्ञा प्रसून के पति का नाम संजय सिंह हैं।